Introduction
Double entry system in hindi :- दोहरा लेखा प्रणाली एक वैज्ञानिक और पूर्ण विधि है , जिसके द्वारा वयवसाय के वित्तीय लेन -देनो के लेखे किये जाते है , यह विधि एक सुनिश्चित और स्पष्ट नियम पर आधारित है इस कारण इस नियम का प्रयोग पुरे विश्व में लगभग सभी देशो में किया जाता है। इस विधि में प्रतेक वयवशयिक लेन -देनो से दो तरह के खाते प्रभावित होते है , जिसमे हम एक खाते को डेबिट और दूसरे खाते को क्रेडिट करते है।
Double Entry system in hindi में हम समय -समय पर खातों के शेषो द्वारा trail balance बना सकते है और खातों की शुद्धता की जांच कर सकते है , इसके अतिरिक्त हम trail balance के माध्यम से Trading and profit loss account बना सकते है , और शुद्ध लाभ – हानि ज्ञात कर सकते है , और balance sheet बनाकर स्थिति विवरण को प्राप्त कर सकते है। double entry system in hindi
History of double entry system
दोहरा लेखा प्रणाली का आविष्कार इटली के एक गणितज्ञ Lucas Pacioli द्वारा 1494 में किया गया , लुकास pacioli द्वारा एक पुस्तक लिखी गयी थी जिसमे उन्होंने प्रतेक लेन -देनो के दोनों पहलुओं को नियमानुसार लिखने की पद्धति का पालन किया और इस system का अविष्कार किया।
शुरुआत में ये पुस्तक काफी लोकप्रिय हुई और बाद में इसका कई तरह का संसोधित भाग भी आया जो की last संशोधित भाग एडवर्ड जोन्स द्वारा किया गया और इसका नाम English system of Book – keeping दिया गया। double entry system in hindi
Meaning of Double entry system ( दोहरा लेखा प्रणाली का अर्थ ) double entry system in hindi
दोहरा लेखा प्रणाली का अर्थ :-
दोहरा लेखा प्रणाली के अंतर्गत हम प्रत्येक लेन -देनो से दो खाते विपरीत दिशा में प्रभावित होते है , जैसे की यदि व्यवसाय में यदि एक मशीन खरीदी जा रही है तो यदि एक व्यवसाय खाते में मशीन आती है तो दूसरे खाते से रोकड़ कम होता है , ऐसा कोई भी लेन – देन नहीं होता जो की केवल एक ही खाते को प्रभावित करती हो , इस कारण इस प्रणाली में प्रत्येक लेन -देन का दोनों पक्षों का लेखा किया जाता है , आपको ये बता दे की ऐसा बिलकुल नहीं है की प्रत्येक लेन -देन को दो बार लिखा जाएगा। double entry system in hindi
जबकि इसका अर्थ ये है प्रत्येक लेन -देन से दो तरह के खाते प्रभावित होते है , जिसमे एक खाता पाने वाला और दूसरा खाता देने वाला होता है , जहाँ पर पाने वाले व्यक्ति और खाते को ( Debit या Dr. ) किया जाता है , और देने वाले वयक्ति के खाते को ( Credit या Cr. ) किया जाता है , और प्रत्येक लेन -देन में समान राशि पाने वाले खाते के डेबिट पक्ष में लिखी जाती है , और देने वाले खाते के क्रेडिट पक्ष में लिखी जाती है। double entry system in hindi
Example :- जैसे की राम से 10,000 प्राप्त हुए इस लेन -देन का प्रभाव दो तरह के खातों पर पड़ेगा एक तो रोकड़ खाते पर और के राम के खाते पर , क्यूंकि रोकड़ की प्राप्ति हुई है इस कारण रोकड़ के खाते को डेबिट किया जाएगा और राम के खाते को क्रेडिट किया जायेगा क्यूंकि राम देने वाला है।
दोहरा लेखा प्रणाली की परिभाषा
विलियम पिकिल्स के अनुसार :- ” दोहरा लेखा प्रणाली के अंतर्गत लेन -देने के दोनों पहलुओं अथार्त पाने वाले एवं देने वाले का लेखा किया जाता है। पाने वाले को डेबिट और देने वाले को क्रेडिट किया जाता है। “
दोहरा लेखा प्रणाली के सिद्धांत और विशेषताएं ( Principle or characteristics of double entry system )
दोहरा लेखा प्रणाली का सिद्धांत :-
दोहरा लेखा प्रणाली में प्रत्येक नाम को एक समतुल्य जमा और जमा को एक समतुल्य नाम दिया जाता है।
दोहरा लेखा प्रणाली के मुख्य सिद्धांत और विशेषताएं :-
1. दो खाते प्रभावित होते है
दोहरा लेखा प्रणाली में प्रत्येक लेन -देन से दो खाते प्रभावित होते है , जिसमे एक खाते को डेबिट और दूसरे खाते को क्रेडिट किया जाता है , इसके अतिरिक्त कुछ खाते में दो से अधिक खाते भी प्रभावित हो सकते है , लेकिन डेबिट और क्रेडिट किये जाने वाले खाते की राशि एक समान ही होती है। double entry system in hindi
2. वयक्तिगत और अवयक्तिगत दोनों पहलुओं का लेखा करना
double entry system in hindi में लेन -देन के वयक्तिगत और आवक्तिगत दोनों ही पक्षों का हम लेखा किया जाता है , ऐसा हो सकता है की लेन -देन के दोनों पहलु वयक्तिगत हो या फिर अवयक्तिगत हो।
3. लेखा को निश्चित नियमो के आधार पर किया जाता है
double entry system में हम एक खाते को डेबिट करते है और दूसरे को क्रेडिट करते है , इसको हम ये नहीं करि सकते की किसी भी खाते को डेबिट और किसी भी खाते को क्रेडिट कर दे , इसके लिए डेबिट और क्रेडिट कारण का नियम बनाया गया है , और बनाये गए नियम के अनुसार ही क्रेडिट और डेबिट किया जाता है।
4. Trail Balance बनाना ( तलपट तैयार करना )
double entry system in hindi में सभी डेबिट किये गए और क्रेडिट किये गए का जोड़ दोनों एक समान होते है , जिसके मदद से हम तलपट बना सकते है , और सभी लेन -देन को दिखा सकते है। double entry system in hindi
Types of Double entry system ( दोहरा लेखा प्रणाली की अवस्थाएं और भाग )
stages and parts of double entry system
दोहरा लेखा प्रणाली की कार्यविधि :-
- प्रारम्भिक लेखा ( Original Record )
- वर्गीकरण ( Classification )
- सांराश ( Summary )
- प्रारम्भिक लेखा ( Original Record )
सबसे पहले सभी लेन -देन का हम प्रारम्भिक पुस्तक में लेखा करते है , इसको हम जर्नल भी कहते है , बड़े business होने पर लेखा पुस्तक को अलग अलग भागो में बाँट सकते है , जिसको subsidiary books कहते है , और ऐसा करने के बाद सहायक पुस्तकों में लेन -देनो के दोहरा लेखा करना और भी आसान हो जाता है। double entry system in hindi
2. वर्गीकरण ( Classification )
प्रारम्भिक लेखा करने के बाद journal और सहायक पुस्तकों का अन्य पुस्तक में खतौनी – खाताबही ( ledger ) की जाती है , खाताबही में सभी तरह के खातों के लिए अलग -अलग पेज होते है , जिसमे सभी सम्बन्धित खाते के अनुसार लेन -देन को एक जगह पर एकत्रित किया जाता है , जिसके माध्यम से हम लेन -देनो के effect को जान सकते है।
3. सांराश ( Summary )
classification करने के बाद तीसरे step में सभी खाताबही में खोले गए खातों के balance को निकाला जाता है , और सभी को एक सूचि में लिखा जाता है , debit balance को सूचि के एक तरफ और credit balance को सूचि के दूसरी तरफ लिखते है , इसको ही हम Trail balance कहते है , इस बात का अवश्य ड़याँ रखे की सूचि का debit पक्ष का जोड़ इसके credit पक्ष के जोड़ के बराबर ही होना चाहिए यदि ये बराबर नहीं है , इसका मतलब ये है की entry को सही तरह से नहीं किया गया है और इसके कारण शुद्धता की जांच भी नहीं हो सकती यही , इसके बाद हम इसके अनुसार trading and profit &loss account बनाते है , जिससे की व्यवसाय की आर्थिक स्थिति का पता चलता है। double entry system in hindi
Advantages of Double entry system or causes of its popularity ( दोहरा लेखा प्रणाली के लाभ और इसकी लोकप्रियता के कारण )
दोहरा लेखा प्रणाली के लाभ निम्नलिखित है :-
- वैज्ञानिक प्रणाली ( scientific system )
- लेन -देनो का पूर्ण लेखा
- Trail balance का निर्माण
- Trading and profit & loss account का निर्माण
- व्यवसाय की वित्तीय स्थिति को ज्ञात करना
- विभिन सूचनाओं का ज्ञान होना
- वैधानिक मान्यता
- छल -कपट की संभावना कम होना
- तुलनात्मक अध्ययन
- प्रबंधको को निर्णय लेने में सहायक
- सभी तरह के व्यवसाय के लिए उपयोगी
1. वैज्ञानिक प्रणाली ( scientific system )
इस system में हम सभी लेन -देन को एक निश्चित नियमो और सिद्धांतो के अनुसार करते है इस कारण ये एक वैज्ञानिक प्रणाली है।
2. लेन -देनो का पूर्ण लेखा ( complete record of transaction )
double entry system in hindi में हम सभी खातों को तीन भागो में बाँट दिया जाता है , इसको हम व्यक्तिगत , वास्तविक और नामपत्र के खातों में बाँट लेते है और इन खातों के डेबिट और क्रेडिट दोनों पक्षों में लेखा करने से प्रत्येक लेन -देन का पूर्ण लेखा हो जाता है ,जिससे की किसी भी record को खोजना आसान हो जाता है। double entry system in hindi
3. Trail Balance का निर्माण
इस system में जितनी राशि एक खाते में डेबिट लिखी जाती है उतनी ही राशि हम किसी दूसरे खाते के क्रेडिट में लिखते है , इस वजह से हम तलपट बनाके शुद्धता की जांच कर सकते है।
4. Trading and profit & loss account का निर्माण
वर्ष के अंत में हम इस system के माध्यम से profit and loss account बना सकते है और शुद्ध लाभ आदि को ज्ञात कर सकते है। .
5. विभिन सूचनाओं का ज्ञान
Double entry system द्वारा हमें निम्न सूचनाएं आसानी से प्राप्त होती है :-
- किस -किस लेन -देन पर कितना व्यय हुआ है ?
- किस -किस लेन -देन पर कितना आय हुआ है ?
- कुल क्रय और विक्रय कितना हुआ है और उसका अंतिम स्टॉक क्या है ?
- कुल देनदार कितने है यानी विभिन्न ग्राहकों से कितना -कितना रुपया लेना है इसकी जानकारी ?
- कुल लेनदार कितने है यानी विभिन्न ग्राहकों को कितना -कितना रुपया देना है इसकी जानकारी ? double entry system in hindi
6. प्रबंधको को निर्णय लेने में सहायक
Double entry system में प्रबंधको को जल्दी और शुद्धता वाली सूचनाएं मिलती है , जिन्हे प्रबंधक विभिन तरह के निर्णय लेने में प्रयोग कर सकते है।
7. सभी तरह के व्यवसाय के लिए उपयोगी
ये प्रणाली अधिक लाभदायक है इस कारण यह छोटे से छोटे और बड़े से बड़े व्यवसाय के लिए उपयोगी है
Disadvantages of double entry system ( दोहरा लेखा प्रणाली के दोष )
दोहरा लेखा प्रणाली के दोष निम्नलिखित है :- double entry system in hindi
- हमको इस प्रणाली में हिसाब – किताब की पुस्तके काफी ज्यादा रखनी पड़ती है , इस कारण ये system अधिक costly है।
- डेबिट और क्रेडिट नियम को लागू करने के लिए पूर्ण नियमो का ज्ञान होना आवश्यक है , इस वजह से इसको करने के लिए उच्च शिक्षा और प्रशिक्षण की जररूत है।
- इस पद्धति द्वारा खातों की अंकगणतीय जांच हो जाती है लेकिन फिर भी इसमें कुछ न कुछ अशुद्धियाँ रह जाती है जो की निम्नलिखित है :-
- भूल अशुद्धिया :- इसके अंदर यदि कोई लेन -देन प्रारम्भिक पुस्तक में ही न लिख जाए तो उसका पता नहीं लग पता है।
- हिसाब की अशुद्धिया :- double entry system in hindi में यदि लेखे की पुस्तकों में गलत राशि की entry कर दे तो इसको ज्ञात करना आसान नहीं है।
- सैद्धांतिक अशुद्धिया :- यदि कोई राशि को उसके सही पक्ष में तो नहीं लिख जाये लेकिन नहीं किसी और के खाते में लिख दिया जाए तो इसका पता नहीं लगा सकते है।
- हानि पूरक अशुद्धिया :- और यदि एक ही खाते की अशुद्धि की पूर्ति किसी अन्य खाते की अशुद्धि से हो जाती है तो ऐसी अशुद्धिया को ज्ञात करना आसान नहीं है।
आज हमने double entry system in hindi में जाना की , दोहरा लेखा प्रणाली क्या है , दोहरा लेखा प्रणाली का अर्थ क्या है , दोहरा लेखा प्रणाली के सिद्धांत , दोहरा लेखा प्रणाली के भाग , दोहरा लेखा प्रणाली के लाभ , दोहरा लेखा प्रणाली के दोष।
यदि आपका कोई और question है तो आप हमें comment के माध्यम से बताये हम आपके question का answer देने के लिए हमेशा उपस्थित है।
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