साझेदारी फर्म का पुर्नगठन
Reconstitution of partnership firm kya hai :- साझेदारी एक तरह से ठहराव का परिणाम है जो व्यक्तियों में किसी व्यवसाय के लाभों को बांटने के लिए किया जाता है और इसमें परिवर्तन होने से ठहराव समाप्त हो जाता है और नया ठहराव शुरू होता है ठहराव में परिवर्तन से साझेदारों के आपसी सम्बन्धो में परिवर्तन आता है और इसको साझेदारी का पुर्नगठन कहते है।
साझेदारी फर्म का पुर्नगठन (Reconstitution of partnership firm kya hai)
reconstitution of partnership firm meaning in hindi
फर्म का पूर्णगठन निम्न कारणों से हो सकता है।
- वर्तमान साझेदारों के लाभ -हानि % अनुपात में परिवर्तन होना (Change in profit sharing ration among the existing partners)
- नए साझेदार का प्रवेश (Admission of a new partner)
- वर्तमान में किसी साझेदार का अवकाश ग्रहण करना (Retirements of a existing partner)
- साझेदार की मृत्यु होने पर (Death of a partner)
- किसी दो साझेदारी फर्मो का सविलियन (जोड़) होना (Amalgamation of two partnership firms)
वर्तमान साझेदारों के लाभ -हानि % अनुपात में परिवर्तन होना (Change in profit sharing ration among the existing partners)
एक उदहारण के माध्यम से समझते है c और d लाभों को 3:1 के अनुपात में बाँटते हुए साझेदार है। और उन्होंने निर्णय किया है की भविष्य में वह 4:1 के अनुपात में लाभ बांटेगें। ऐसी दशा में ये फर्म का पुर्नगठन कहलाएगा। Reconstitution of partnership firm kya hai
नए साझेदार का प्रवेश (Admission of a new partner)
A और B लाभ को समान अनुपात में बाँटते हुए साझेदार है। और 1 अप्रैल 2018 से फर्म ने अन्य साझेदार C को प्रवेश कराया गया और लाभों को 1/4 हिस्से के लिए साझेदार बनाने के निर्णय किया गया। इस वजह से ये फर्म का पुर्नगठन कहलाएगा। Reconstitution of partnership firm kya hai
वर्तमान में किसी साझेदार का अवकाश ग्रहण करना (Retirements of a existing partner)
उदहारण के अनुसार ramesh, suresh, naresh लाभों को 2:4:6 अनुपात में बाँटते हुए साझेदार है और 31 मार्च 2022 को naresh फर्म से अवकाश ग्रहण करता है तो ये फर्म का पुर्नगठन कहलाएगा।
साझेदार की मृत्यु होने पर (Death of a partner)
Example के साथ A,B, और c 2:4:2 के अनुपात में फर्म में साझेदार है और किसी C की मृत्युं हो जाती है और A,B फर्म को के लाभों को बराबर अनुपात में बांटने का निर्णय करते है। तो ये फर्म का पुर्नगठन कहलाएगा। Reconstitution of partnership firm kya hai
ये भी पढ़े :-
किसी दो साझेदारी फर्मो का सविलियन (जोड़) होना (Amalgamation of two partnership firms)
A और B एक फर्म में साझेदार है और लाभों को 3:1 अनुपात में बांटते है। और उन्होंने अपने फर्म का C और D के साथ सविलियन (जोड़) किया है जो को लाभ को 4:1 अनुपात में बाँटते है। और A,B,C,D का नया अनुपात 3:1 4:1 होगा इसमें दो फर्म का पूर्णगठन हुआ है। तो ये फर्म का पुर्नगठन कहलाएगा।
इस पोस्ट में हमने जाना की Reconstitution of partnership firm क्या होता है ? और किन -किन कारणों से नए साझेदार का ठहराव होता है। आप हमें comment करके भी अपने सवाल हमसे पूछ सकते है हम हमेशा आपके सवालों का उत्तर देने के लिए तैयार है।
No comments:
Post a Comment