Sunday, January 5, 2025

ledger kya hota hai what is ledger in hindi

खाता बही क्या है ?

जर्नल और विशेष उदेशय वाली सहायक बहियो में की गयी सभी entry को वर्गीकृत करके किसी विशेष खाते की स्थिति जो जानने के लिए उस विशेष खाते से सम्बंधित लेन -देनो को खाताबही में एक जगकह पर एकत्रित किया जाता है , जिसके लिए एक अलग से पुस्तक बनाई जाती है जिसको खाताबही कहा जाता।

इस तरह के बही में  व्यव्शयिक संस्था के सभी खाते खोले जा सकते है चाहे वो व्यक्तिगत हो या फिर नामात्र के खाते हो।

Definition of ledger in hindi 

खाता बही की परिभाषा –

एल. सी क्रापर के अनुसार – खाताबही :वह पुस्तक है जिसमे एक व्यापारी के सभी सौदों को एक वर्गीकृत स्थायी रूप में लिखा जाता है , खाताबही कहलाता है।

जे. आर बाटलीब्रॉय के अनुसार – “लेखा पुस्तकों में खाताबही एक ,मुख्य पुस्तक है, और अंत में इसी पुस्तक में सभी व्यापारिक लेन -देनो को वर्गीकृत रूप में सम्बंधित खातों में लिखा जाता है। ”

Need and importance of ledger in hindi 

हम जानते है की लेखांकन का उदेस्य यह ज्ञात करना होता है की किस व्यक्ति से कितना रूपए लेना है और किस व्यक्ति को कितना देना है, या फिर किसी एक निश्चित समय में कितना माल को खरीदा या बेचा गया और किस- किस माल पर कितना खर्चा हुआ और कुल मिलाकर  कितने का लाभ हुआ।

इस कारण इन सभी लें-देनो का ज्ञान हम जर्नल में नहीं कर सकते है ऐसा इसलिए है  क्यूंकि  हम जर्नल में तिथिवार लेखा करते है, तथा जर्नल मे हम एक ही प्रकृति के लेन -देनो को एक ही स्थान में नहीं लिखते है।

उदहारण के लिए – यदि हमको यह जानने की आवस्यकता है की ए .एल कंपनी से एक निश्चित दिनांक पर कितने ₹ लेने है या फिर देने है तो ए .एल कंपनी से सम्बंधित सभी लेन -देनो को journal या फिर सहायक बहियो में से छांटकर एक जगह पर एकत्रित किया जाना होगा।

हम अपने द्वारा बनाये गए विक्रय बही से यह ज्ञात कर सकते है उन्हें कब -कब और कितने -कितने ₹ का माल उधार विक्रय किया गया है, विक्रय वापसी बही से हम ये ज्ञात कर सकते है की हमारे पास उनसे कोई माल वापिस तो नहीं आया है।

इसके अतिरक्त हम रोकड़ बही से ये ज्ञात कर सकते है की उनसे हमको कब -कब और कितने – कितने ₹ प्राप्त हो चुके है। यह सब जानकारी एकत्रित करने में अधिक समय और मेहनत लगता है और किसी अन्य जानकारी का छूटने का दर रहता है।

लेकिन खाताबही में ए .एल कंपनी से सम्बंधित सभी लेन -देनो की खतौनी उनके नाम से ही खोले गए खाते में एक ही जगह पर तैयार की हुई होती है और हम खाते को देखते ही ये जान जाते है की हमें उनसे कितने ₹ लेने है या फिर कितने ₹  देने है।

यानी हम कह सकते है की बिना खाताबही किसी भी वयापारी का कार्य चल नहीं सकता, क्यूंकि खाताबही में हर तरह के खाते से सम्बंधित सभी सूचनाएं एक ही जगह पर एकत्रित रहती है। इस कारण हम खाताबही को व्यापार का प्रधान बही भी कह सकते है। खाताबही को Book of final entry भी कहते है, क्यूंकि जिन लेन – देनो को सबसे पहले जर्नल में और सहायक में लिखा जाता है वह भी अंतिम रूप में खाताबही में आ जाते है।

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Advantages of Ledger in hindi (खाताबही के लाभ)

खाताबही के लाभ निम्नलिखित है –

  • खाताबही पुस्तक में सभी खाते अलग -अलग पन्नो पर खोले जाते है इससे हर तरह के खाते से सम्बंधित लेन – देन एक विशेष जगह एकत्रित हो जाते और उस खाते के शेष को देखने से ही इन लेन -देनो का पूरा प्रभाव ज्ञात हो जाता है।
  • इस तरह के बही की सहायता से trail balance बनाया जा सकता है जिसके माध्यम से लेखांकन की गणितीय शुद्धता की जांच पड़ताल की जा सकती है।
  • खाताबही से व्यवसाय से सम्बंधित सभी तरह के सूचनाएं बहुत ही जल्दी मिल जाती है जैसे :- फर्म को हर एक customer से कितना – कितना ₹ लेना है। या फर्म ने हर एक लेनदार को कितना – कितना ₹ देना है, और कुल कितना क्रय – विक्रय किया गया है, या फिर किस माध पर कितना व्यय हुआ है इसके अतिरिक्त हम खाताबही के माध्यम से पूंजी और सम्पतियो की अंतिम स्थिति क्या है को ज्ञात कर सकते है।
  • व्यापारिक और लाभ – हानि खाता बनाने के लिए उपयोग किये जाने वाली जानकारी खाताबही के माध्यम से ही प्राप्त होती है।
  • स्थिति विवरण को बनाने के लिए भी खाताबही की जरूरत होती है , जिससे व्यापर की आर्थिक स्थिति की ज्ञान होता है।

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