Discount kya hai (डिस्काउंट क्या है)
discount kya hota hai :- Discount एक तरह का छूट होता है, जो की हमें उस समय प्राप्त होता है जब हम कोई नकद वस्तु खरीदते है या फिर कोई व्यापारिक लेन -देन करते है। इसको हम कटौती भी कहते है।
बट्टा से क्या आशय है में हम जान चुके है ये एक तरह का छूट होता है जो की को वस्तु लेते समय दिया जाता है इसके बारे में हम नीचे detail में जानेगें।
Discount types in accounting (discount kya hota hai)
कटौती के प्रकार
कटौती ( Discount ) दो तरह के होते है :-
- व्यापारिक छूट (Trade discount)
- नकद छूट (Cash discount)
व्यापारिक छूट (Trade discount) क्या होता है ?
यह वह छूट होती है जो थोक व्यापारी और निर्माता द्वारा सूचि मूल्य पर एक निश्चित प्रतिशत के रूप में फुटकर व्यापरी को दी जाती है, ये छूट उस समय प्राप्त होती है जब माल (goods) की quantity (मात्रा) अधिक होती है, ये छूट हमें नकद और उधार दोनों में ही प्राप्त होती है, क्यूंकि ये 100 % क्रय से सम्बंधित होता है न की भुगतान से।
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Trade discount का हम कोई अलग Entry नहीं करते है, क्यूंकि इसे कैश मीमो या बीजक में से ही घटा दिया जाता है।
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व्यापारिक छूट उदाहरण :-
एक व्यापारी 1,00,000 रूपए का माल 20 % व्यापारिक छूट पर नकद में sale (बेचता) है तो इसके लिए निम्न लेखा entry किया जायेगा :-
cash A/c Dr. 80,000
To Sales A/c 80,000
Note :- जब कभी व्यापारिक छूट के अंतर्गत बेचा गया माल वापिस आ जाता है तो विक्रय वापसी पर भी माल के सूचि मूल्य में से व्यापारिक छूट घटाई जाती है। discount kya hota hai
नकद छूट (cash discount) क्या होता है ?
एक निश्चित समय पर और जल्दी भुगतान प्राप्त करने के लिए व्यापरी कुल रकम में से कुछ छूट दे देते है तो इस छूट को हम नकद छूट कहते है। ये छूट उस समय दी जाती है जब ग्राहक एक निश्चित समय भुगतान कर देता है, ये छूट ग्राहक को जल्दी भुगतान करने में प्रेरित करता है। क्यूंकि ये छूट रूपए में भुगतान देने पर प्राप्त होती है इस कारण हमारी एक तरह के व्यय होती है और हम इस छूट खाते को डेबिट करते है और जब हमको कोई छूट प्राप्त होती है तो वो हमारी आय होती है तो हम इस छूट को क्रेडिट करते है। discount kya hota hai
व्यापारिक छूट और नकद छूट में अंतर
अंतर का आधार | व्यापारिक छूट | नकद छूट |
अर्थ | यह वह छूट होती है जो थोक व्यापारी और निर्माता द्वारा सूचि मूल्य पर एक निश्चित प्रतिशत के रूप में फुटकर व्यापरी को दी जाती है, ये छूट उस समय प्राप्त होती है जब माल (goods) की quantity (मात्रा) अधिक होती है। | एक निश्चित समय पर और जल्दी भुगतान प्राप्त करने के लिए व्यापरी कुल रकम में से कुछ छूट दे देते है तो इस छूट को हम नकद छूट कहते है। ये छूट उस समय दी जाती है जब ग्राहक एक निश्चित समय भुगतान कर देता है, ये छूट ग्राहक को जल्दी भुगतान करने में प्रेरित करता है। |
छूट कब दी जाती है ? | ये छूट तब दी जाती है जब कोई माल एक निश्चित मात्रा में खरीदा जाता है। | ये छूट उस समय दिया जाता है जब भुगतान निश्चित समय पर या उससे पहले किया जाता है। |
उद्देश्य | छोटे व्यापारी एक निश्चित सूचि मूल्य पर माल बेच कर कुछ लाभ अर्जित कराना इसका उद्देस्य है। | इसका मुख्य उद्देश्य जल्दी और निश्चित समय पर भुगतान को प्रेरित करना है। |
लेखा | व्यापारिक छूट में इसका कोई पुस्तकों में अलग से लेखा नहीं किया जाता। | नकद छूट का अलग से पुस्तकों में लेखा किया जाता है। |
बीजक में से घटाना | इसको बीजक की रकम में से घटाया जाता है। | इसको बीजक की रकम से नहीं घटाया जाता। |
Note :- यदि discount kya hota hai मे किसी भी ग्राहक (customer) को व्यापारिक छूट और नकद छूट दोनों ही दी जाती है तो हम माल के मूल्य में से पहले व्यापारिक छूट को घटाते है और फिर शेष मूल्य पर नकद छूट की गणना की जाती है।
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