वर्तमान साझेदारों के लाभ -विभाजन अनुपात में परिवर्तन क्या है ?
change in profit sharing ratio among the existing partners in hindi :- कभी -कभी वर्तमान साझेदार द्वारा अपने लाभ विभाजन अनुपात में परिवर्तन कर लिया जाता है, और ऐसे परिवर्तन उनके पूंजी में परिवर्तन होने या फिर फर्म में कोई नए साझेदार के कारण होता है।
लाभ विभाजन अनुपात में परिवर्तन के कारण वर्तमान साझेदारों में से किसी एक या फिर एक से अधिक साझेदरो के लाभ हिस्से में वृद्धि हो जाती है और किसी एक साझेदार के लाभ में कमी आ जा जाती है। इस कारण ऐसी दशा में साझेदारों में मध्य न्यायोचित व्यव्हार बनाये रखने के लिए ये ज़रूरी हो जाता है की ख्याति, सम्पत्तियो और दायित्वों के फिर से मुलायकन किया जाए और संचित लाभ -हानि आदि के लिए समायोजन किया जाए।
ये समायोजन उसी प्रकार के है जैसे की किसी साझेदार के प्रवेश और अवकाश ग्रहण करने के समय की जाती है।
लाभ विभाजन अनुपात में परिवर्तन के समय किये जाने वाले समायोजन क्या है ?
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लाभ विभाजन अनुपात में परिवर्तन के समय निम्न समायोजनों की जरूरत पड़ती है :-
- Sacrificing Ratio (त्याग अनुपात) और लाभ – प्राप्ति अनुपात (Gaining Ratio) की गणना करना।
- ख्याति (Goodwill) के लिए लेखांकन करना
- संचय और संचित लाभों के लिए लेखांकन करना
- पुँजियो का समायोजन करना
Sacrificing Ratio क्या होता है ?
त्याग अनुपात :- जब कभी लाभ विभाजन अनुपात ने परिवर्तन होता है तो वर्तमान साझेदारों में से किसी एक अथवा अधिक साझेदारों को साझेदारों के पक्ष में अपने पुराने हिस्से में से कुछ भाग का त्याग करना होता है। लाभ विभाजन अनुपात के ऐसे हिस्से की कमी आउट त्याग के अनुपात को त्याग अनुपात कहा जाता है।
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इसको हम निम्न तरीके से गणना करते है :-
sacrificing ratio formula
त्याग अनुपात (Sacrificing Ratio) = पुराना अनुपात (Old Ratio) – नया अनुपात (New Ratio)
त्याग अनुपात की गणना का मुकाय उदेश्य हानि को वो राशि ज्ञात करना है जो लाभ – प्राप्त करने वाला साझेदार त्याग करने वाले साझेदार को देगा। हानि की ऐसी राशि ख्वाती (Goodwill) की अनुपातिक राशि के आधार पर दिया जाता है।
Gaining Ratio क्या होता है ?
लाभ प्राप्ति अनुपात :- लाभ -विभाजन अनुपात में परिवर्तन के फलस्वरूप वर्तमान साझेदारो में से एक या अधिक साझेदार अन्य साझेदारों के लाभ के हिस्से का कुछ हिस्सा प्राप्त कर लेते है। लाभ -प्राप्ति के ऐसे अनुपात को लाभ -[राप्ती अनुपात कहा जाता है।
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इसको हम निम्न तरीके से गणना करते है :-
Gaining Ratio formula
Gaining Ratio = New Ratio – Old Ratio
इस पोस्ट में हमने जाना की change in profit sharing ratio among the existing partners in hindi क्या है ? sacrificing और ganing ratio क्या होता है।
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