Sunday, January 5, 2025

rules of debit and credit class 11 in hindi

डेबिट और क्रेडिट के नियम 

rules of debit and credit class 11 in hindi :- accounting मे ये निर्धारित किया जाना जरूरी है की किसी खाते के बाई (debit पक्ष मे ) किसी भी लेन – देन राशि को कब लिखा जाएगा और इसी तरह दाएँ भाग मे (Credit पक्ष) मे कब लिखा जाएगा । इसके लिए दो पद्धति का प्रयोग करते है ।

Rules of Debit and credit in hindi rules of debit and credit class 11 in hindi

rules of debit and credit class 11 in hindi

डेबिट और क्रेडिट के नियम निम्नलिखित है :- 

  • अमेरीकन पद्धति (American system) या आधुनिक पद्धति (MosoldernApproach)
  • अंग्रेज़ी पद्धति(English System) या फिर traditional approach

अमेरीकन पद्धति (American system) rule

debit और credit करने के नियम हर एक खाते की प्रकृति पर निर्भर  करता है। इस अमेरिकेन सिस्टम को पांच भागो मे बांटा गया है –

  • दायित्वों के खाते ( Liabilities accounts)
  • सम्पत्ति के खाते (Assets accounts)
  • लाभ और आय सम्बन्धी खाते (Revenue or income accounts)
  • पूंजी खाता और स्वामी देयता खाता (Capital account or owner’s Equity account)
  • हानि और व्यय सम्बन्धी खाते (Losses or expenses Accounts)

हम लेखांकन समीकरण में देख चुके है की किइस भी एक कहते में जितनी राशि से कमी या बढ़ोतरी होती है उतनी ही राशि से किसी दूसरे खाते में भी कमी या वृद्धि होती है। इसी के according खातों को debit या फिर credit करने के लिए निम्न नियम प्रयोग किये जाते है :- rules of debit and credit class 11 in hindi

सम्पत्ति खाते (Assets accounts)

जब कभी भी किसी संपत्ति की राशि में बढ़ोतरी होती है तो ऐसी वृद्धि को सम्पाती account के debit पक्ष में लिखते है और संपत्ति की राशि में कमी होने पर assests accounts को credit पक्ष में लिखते है। 

Example :- जैसे की यदि कोई फर्म ₹ 4,000 का एक furniture buy करती है तो इसको furniture खाते के debit पक्ष में लिखते है ऐसा इसलिए क्यूंकि इस राशि से फर्नीचर में वृद्धि हुई है और यदि वह फर्म ₹ 1,000 का furniture बेचती है तो इसको furniture खाते में credit में लिखते है। rules of debit and credit class 11 in hindi

  1. संपत्ति में वृद्धि  होने पर Debit पक्ष में लिखे
  2. संपत्ति में कमी  होने पर Credit पक्ष में लिखे

दायित्वों के खाते ( Liabilities accounts)

जब भी कभी दायित्व के amount (राशि) में वृद्धि होती है तो इस वृद्धि को दायित्व के खाते में credit पक्ष में लिखते है और दायित्व की राशि में जब कमी होती है तो दायित्व खाते के debit पक्ष में लिखते है। 

Example :-  यदि कोई बभी फर्म राम से 5,000 ऋण लेता है तो राम के कहते को credit किया जाएगा ऐसा इसलिए क्यूंकि राम को ₹ 5,000 देय है। और जब ये ऋण वापिस कर दिया जाएगा तो राम का खाता debit कर दिया जायेगा क्यूंकि अब दायित्व समाप्त हो गया है। 

  1. दायित्व में कमी  होने पर Debit पक्ष में लिखे
  2. दायित्व में वृद्धि  होने पर Credit पक्ष में लिखे

पूंजी खाता (Capital Account)

जब बिज़नेस के स्वामी (owner) के पूंजी में वृद्धि होती है तो इस पूंजी खाते को credit पक्ष में लिखते है और यदि बिज़नेस का owner अपने निजी खर्चो के लिए वयवसाय से कुछ amount निकालता है तो इससे पूंजी में कमी होती है और इसको debit में लिखते है। 

Example :- rules of debit and credit class 11 in hindi

  1. पूंजी में कमी  होने पर Debit पक्ष में लिखे
  2. पूँजी में वृद्धि  होने पर Credit पक्ष में लिखे

लाभ और आय सम्बन्धी खाते

सभी तरह के लाभों और आय में होने वाली वृद्धि को आय खाते में credit में लिखा जाता है क्यूंकि इसके कारण स्वामी के पूंजी में भी वृशि होती है। और आय में कमी को debit पक्ष में लिखते है ऐसा इसलिए क्यूंकि इससे पूंजी में कमी होती है। 

rules of debit and credit class 11 in hindi

Example :- 

  1. लाभ और आय में कमी  होने पर Debit पक्ष में लिखे
  2. लाभ और आय में वृद्धि  होने पर Credit पक्ष में लिखे

हानि और व्यय सम्बन्धी खाते

सभी तरह के हानि और व्ययों  में होने वाली वृद्धि को व्यय खाते में debit में लिखा  जाता है ऐसा इसलिए क्यूंकि इसके वजह से स्वामी की पूंजी में कमी होती है , इसके अतिरिक्त व्ययों में कमी होने पर credit पक्ष में लिखते है। 

Example :-  rules of debit and credit class 11 in hindi

  1. हानि और व्ययों में वृद्धि  होने पर Debit पक्ष में लिखे
  2. हानि और व्ययों में कमी  होने पर Credit पक्ष में लिखे

ये भी पढ़े :- 

Conclusion 

सम्पत्ति खाते (Assets accounts) के नियम

संपत्ति में वृद्धि  होने पर Debit पक्ष में लिखे
संपत्ति में कमी  होने पर Credit पक्ष में लिखे

दायित्वों के खाते ( Liabilities accounts) के नियम

दायित्व में कमी  होने पर Debit पक्ष में लिखे
दायित्व में वृद्धि  होने पर Credit पक्ष में लिखे

पूंजी खाता (Capital Account) के नियम

पूंजी में कमी  होने पर Debit पक्ष में लिखे
पूँजी में वृद्धि  होने पर Credit पक्ष में लिखे

लाभ और आय सम्बन्धी खाते के नियम

लाभ और आय में कमी  होने पर Debit पक्ष में लिखे
लाभ और आय में वृद्धि  होने पर Credit पक्ष में लिखे

हानि और व्यय सम्बन्धी खाते के नियम

हानि और व्ययों में वृद्धि  होने पर Debit पक्ष में लिखे
हानि और व्ययों में कमी  होने पर Credit पक्ष में लिखे

इस पोस्ट मे हमने rules of debit and credit class 11 in hindi के बारे मे जाना और आप अपने question को comment करके हमसे पूछ सकते है ।

No comments:

Post a Comment

Featured post

Gauge kya hai in hindi ? gauge types in hindi

Gauge क्या होता है ? Gauge Meaning in hindi  Gauge kya hai in hindi :- gauge एक उपकरण है , जिसका प्रयोग माप करने और कुछ जानकारी प्रदर्शित क...