Sunday, January 5, 2025

Basis of Accounting class 11 in hindi

Introduction

Basis of Accounting class 11 in hindi :- लेखांकन का प्रमुख उद्देश्य लेखांकन अवधि के अंत मे किसी व्यवसायिक संस्था का लाभ – हानि को ज्ञात करना होता हैं, इसके लिए लाभ – हानि को ज्ञात करने के दो आधार है :- 1. नकदी आधार ( Cash Basis) 2. उपार्जन आधार ( Accrual Basis )

इस पोस्ट मे हम इसी के बारे में सही से समझेंगे।

Basis of Accounting class 11 in hindi

Bases of Accounting निम्नलिखित हैं :-

  1. लेखांकन का नकदी आधार ( Cash Basis of Accounting )
  2. लेखांकन का उपार्जन आधार ( Accrual Basis of Accounting )
  3. लेखांकन का मिश्रित आधार  ( Hydrid or mixed Basis of Accounting )

लेखांकन का नकदी आधार ( Cash Basis of Accounting )

what is cash basis in Accounting

इस लेखांकन आधार में आयो का लेखांकन तब तक नहीं करते जब तक कि वह नकदी मे प्राप्त नहीं होता, और ये नियम व्ययों पर भी लागू होता है  , इस कारण इसमे उधार  लेनदेन को छोड़ दिया जाता है और  इनका लेखा जब   किया जाता  जब तक इनका  भुगतान  और नकदी प्राप्त  ना हो जाए  , इस तरह से लेखा करने पर हमे लाभ होता है जहां पर लाभ से अर्थ है कि माल के विक्रय और अन्य आयो से प्राप्त वास्तविक नकदी का माल के क्रय मजदूरी , वेतन , किराया आदि के लिए किए गए वास्तविक नकद भुगतान पर अधिकृत होता है , Basis of Accounting class 11 in hindi

और आय तथा लाभ की जानकारी प्राप्ति और भुगतान खाते की सहायता से की जाती हैं , ये आधार पेशेवर व्यक्तियों जैसे :- डॉक्टर , वकील , CA के लिए उपयोगी होता हैं । Basis of Accounting class 11 in hindi

लाभ ( Advantages)

  1. इस तरह के आधार मे अनुमानों और व्यक्तिगत के प्रयोग की आवश्कता नहीं होती ।
  2. ये आधार सरल और वास्तविक है  , और कई तरह के व्यक्तियों के लिए लागू होता है  ।
  3. यह उन संस्थानों , कंपनी के लिए उपयोगी है जहां पर अधिकांश Transactions नकदी मे होती हैं ।

हानि ( Disadvantages )

  1. इसके दुआरा लाभ – हानि और वित्तीय स्थिति का सही रिकार्ड नहीं मिल पाता क्यूंकि ये अदत्त व्ययों , पूर्वदत्त व्ययों, संचित आयो, अग्रिम प्राप्ति का लेखा  नहीं करता हैं ।
  2. ये लेखांकन के Matching Principle ko follow नहीं करता।
  3. Cash Bases में लाभों में हेराफेरी होने की ज्यादा संभावना है क्यूंकि या जल्दी या जा सकते है या फिर देरी से किए जा सकते हैं ।
  4. Cash Bases में क्यूंकि पूंजीगत और आयगत  दोनों मे अन्तर नहीं किया जाता हैं , इस कारण विभिन्न वर्षो के लाभों मे एकरूपता नहीं होती ।
  5. कम्पनी अधिनियम 2013 इस Bases को मान्यता नहीं देता है । Basis of Accounting class 11 in hindi

जाने Accounting कितने तरह के होते है यहां click करे

लेखांकन का उपार्जन आधार ( Accrual Basis of Accounting )

what is Accrual Basis in Accounting

इस आधार में सभी entry को उनके अर्जित होते ही कर दिया जाता है या फिर उसके लिए हमे Cash राशि प्राप्त हुई हो या नहीं , जैसे कि उधार विक्रय को उस अवधि के कुल विक्रय मे शामिल किया जाएगा, इसी तरह से व्ययों का लेखांकन भी देय किराया उस अवधि का व्यय माना जाएगा जिसमें वह देय हुआ न कि उस अवधि का जिसमें वो चुकाया गया हो अतः इसमे हम दोनों तरह के Cash और उधार Transaction का लेखा करते है , इसमे हम आयो का लेखांकन करते है और व्ययों का भी लेखा किया जाता हैं  । Basis of Accounting class 11 in hindi

उपार्जन आधार में किसी अवधि का लाभ – हानि उस अवधि के दौरान अर्जित आयो और उस अवधि के दौरान देय व्ययों के मिलान का परीणाम होता है, जिसके दुआरा वित्तीय विवरण बनाते समय outstanding expenses और prepaid expenses , accrued incomes तथा अग्रिम प्राप्त आयो का लेखा भी किया जाता है , कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार सभी कंपनियां उपार्जन आधार पर ही लेखा कर सकती है । Basis of Accounting class 11 in hindi

लाभ ( Advantages )

  1. यह आधार लेखांकन के matched principle का पालन करती है ।
  2. ये आधार एक निश्चित अवधि की सही लाभ – हानि और उस अवधि के अंत पर व्यवसाय की सही वित्तीय स्थिति देता है , क्यूंकि मे हम अभी लेनदेन का लेखा करते है।
  3. इस तरह के उपार्जन Bases दुआरा विभिन्न वर्षो की लाभ – हानि की गणना मे एकरूपता बनी रहती है  , क्यूंकि इस आधार मे पूंजीगत व्ययों और आयगत व्ययों मे अन्तर किया जाता है ।
  4. इस आधार को Compnay अधिनियम 2013 दुआरा मान्यता दी गयी हैं । Basis of Accounting class 11 in hindi

हानि ( Disadvantages ) 

  1. इस आधार में अनुमानों और व्यक्तिगत निर्णयों का प्रयोग करना पड़ता है।
  2. ये आधार को बनाना उतना आसान नहीं है जितना कि Cash Bases है।

लेखांकन का मिश्रित आधार  ( Hydrid or mixed Basis of Accounting )

लेखांकन का ये आधार नकदी आधार और उपार्जन आधार का मिश्रित रूप होता है , मिश्रित आधार के अनुसार आय और सम्पत्तियों को नकदी आधार पर लेखा किया जाता है , और व्ययों, दायित्व को उपार्जन आधार पर किया जाता है , मुख्यतः पेशेवर व्यक्ति जैसे डॉक्टर  , वकील आदि इस आधार पर अपना प्राप्ति व्यय खाता तैयार करके किसी लेन देन का सही आय ज्ञात करते है  । Basis of Accounting class 11 in hindi

इस पोस्ट Basis of Accounting class 11 in hindi मे हमने जाना कि Accounting Bases क्या होता है और ये कितने तरह के होते है  और इसने क्या लाभ है और हानि है , इसके अतिरिक्त हमने ये भी जाना कि कंपनी अधिनियम 2013 कौन से आधार को सही मानता है, यदि आप और अधिक जनाना चाहते है तो हमें comment करे हम हमेशा आपके लिए उपस्थित है ।

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