Wednesday, October 30, 2024

Bookkeeping and accounting difference in hindi

पुस्तपालन (Book-keeping) क्या है ?

  पुस्तपालन एक कला है जिसमे हम व्यवसाययिक और वित्तीय लेन -देनो के मौद्रिक रूप का लेखा पुस्तक में करते है , Bookkeeping and accounting difference in hindi ये मुख्यता पुस्तक लेखा रखने से सम्बंधित है।

लेखा पुस्तक को बनाने और रखने के लिए चार क्रियाये किया जाना आवश्यक है :-

  1. सभी पहचान किये गए लेन -देनो को मुद्रा के रूप में मापना।
  2. सभी तरह के लेन – देनो में से ऐसे लेन देनो की पहचान करना जो वित्तीय प्रकृति के है।
  3. पहचान किये गए लेन -देनो का पुस्तक में लेखा करना।
  4. सभी के खाताबही को वर्गीकरण करना।

पुस्तपालन एक कठिन कार्य है इसे केवल उन्ही लोगो द्वारा पूरा किया जा सकता है जिसको लेखांकन करने की उचित जानकारी हो , और हम (Bookkeeping and accounting difference in hindi )  में  इसको computer के माध्यम से भी कर सकते है।

लेखांकन  क्या है ? ( Accounting )

लेखांकन वहां से शुरू होता है जहां से पुस्तपालन के कार्य खत्म हो जाते है। 

लेखांकन के कुछ क्रियाये इस प्रकार है :-

  1. सभी वर्गीकृत किये गए लेन -देनो का profit और loss account और उनका स्थिति विवरण बनाकर सारांश तैयार करना। 
  2. सारांश द्वारा उपयोगी सूचना इकठ्टा करना और परिणामो का विश्लेषण करना। 
  3. सभी सुचना को पक्षकारो को बताना। 

जाने लेखांकन किया है full detailed में यहां क्लिक करे। 

लेखांकन का कार्य पुस्तकालन के कार्य से आगे का होता है , परन्तु हम बिना पुस्तकालन के अन्य कोई कार्य को नहीं कर सकते पुस्तकालन तैयार करने के बाद ही accounting को किया जा सकता है , और सही तरह लाभ -हानि की गणना की जा सकती है। 

Difference Between Bookkeeping and Accounting in hindi 

Bookkeeping and accounting difference in hindi 

पुस्तपालन और लेखांकन में अंतर :-

अंतर का आधार
Basic of Distinction
पुस्तपालन
Book-Keeping
लेखांकन
Accounting
1. क्षेत्र ( Scope )1. पहचान किये गए लेन -देनो को मुद्रा के रूप में मापना।
2. सभी वित्तीय प्रकृति के लेन -देनो की पहचान करना।
3. लेन -देनो का लेखा करना।
4. खाताबही में सभी लेन -देनो को वर्गीकरण करना।
1. सभी वर्गीकृत किये गए लेन -देनो का सारांश तैयार करना।
2. तैयार किये गए सारांश के परिणामो का विश्लेषण करना और व्याख्या करना।
3. सभी पक्ष्कारो को सभी लेन -देनो के बारे में जानकारी देना।

2. उदेश्य ( Objective )पुस्तपालन का प्रमुख उदेशय वित्तीय प्रकृति के लेन -देनो का सही तरह लेखांकन करना है। Accounting का प्रमुख उद्देस्य व्यवासय में हुए शुद्ध लाभ और हानि का आंकलन करना और वित्तीय स्थिति को ज्ञात करना है।
3. अवस्था ( Stage )पुस्तपालन प्राथमिक क्रिया है। लेखांकन द्वितीय क्रिया है।
4. कार्य की प्रकृति ( Nature of Job )
ये यांत्रिक प्रकृति का होता है। लेखांकन का कार्य विशेषणात्मक प्रकृति का होता है।
5. कौन करता है ( Who Performs )पुस्तपालन के कार्य को माध्यम श्रेणी के स्टाफ द्वारा किया जा सकता है। लेखांकन के कार्य को केवल उचच श्रेणी के स्टाफ द्वारा ही किया जा सकता है।
6. ज्ञान का स्तर ( Knowledge Level )सीमित ज्ञान वाले व्यक्तियों द्वारा किया जा सकता है। ये केवल उन व्यक्तियों द्वारा किया जा सकता है , जिनको पुस्तपालन से अधिक ज्ञान हो।
7. विशेषणात्मक योग्यता
( Analytical skill )
इसमें विशेषणात्मक योग्यता का होना आवयश्क नहीं है। एकाउंटिंग में विशेषणात्मक योग्यता का होना अति अवश्यक है।

What is Accountancy in hindi 

एकाउंटेंसी – लेखांकन को सही से करने के ज्ञान से है जो की कई सिद्धांत और तकनीक से समबन्धित है , जिसके द्वारा लेखांकन को किया जाता है , इसके द्वारा हमें इसका ज्ञात होता है की लेखा को कैसे करना है , उसका सारांश कैसे बनाना है , और (Bookkeeping and accounting difference in hindi ) में सभी सूचना को पक्ष्कारो तक कैसे पहुंचना है। 

Difference between Accounting and Accountancy in hindi

Difference Between Bookkeeping and accountancy 

अंतर का आधार
Basic of Distinction
लेखांकन
Accounting
लेखाकर्म
Accountancy
1. अर्थ ( Meaning )सभी लेन -देनो का लेखा करना और उनको वर्गीकरण और सारांश तैयार करना है। यह एक नियम जिसमे सिद्धांत के अनुसार लेखा किया जाता यही और सभी लेन -देनो का वर्गीकरण और सारांश तैयार करने में लेखांकन की मदद की जाती है।
2. क्षेत्र ( Scope )ये पुस्तपालन की प्रक्रिया खत्म होने के बाद आरंभ होता है। इसका क्षेत्र पुस्तपालन और लेखांकन दोनों में होता है।
3. कार्य ( Function )Accounting का कार्य शुद्ध परिणामो को निकालना और वित्तीय स्थिति को ज्ञात करना है , और पक्षकारो तक सुचना को देना है। इसमें लेखांकन और पुस्तपालन द्वारा तैयार किये गए सूचनाओं के आधार पर निर्णय लेने का कार्य किया जाता है।
4. सम्बन्ध ये पुस्तपालन पर निर्भर रहता है। ये लेखांकन और पुस्तपालन दोनों पर निर्भर रहता है।

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