पुस्तपालन (Book-keeping) क्या है ?
पुस्तपालन एक कला है जिसमे हम व्यवसाययिक और वित्तीय लेन -देनो के मौद्रिक रूप का लेखा पुस्तक में करते है , Bookkeeping and accounting difference in hindi ये मुख्यता पुस्तक लेखा रखने से सम्बंधित है।
लेखा पुस्तक को बनाने और रखने के लिए चार क्रियाये किया जाना आवश्यक है :-
- सभी पहचान किये गए लेन -देनो को मुद्रा के रूप में मापना।
- सभी तरह के लेन – देनो में से ऐसे लेन देनो की पहचान करना जो वित्तीय प्रकृति के है।
- पहचान किये गए लेन -देनो का पुस्तक में लेखा करना।
- सभी के खाताबही को वर्गीकरण करना।
पुस्तपालन एक कठिन कार्य है इसे केवल उन्ही लोगो द्वारा पूरा किया जा सकता है जिसको लेखांकन करने की उचित जानकारी हो , और हम (Bookkeeping and accounting difference in hindi ) में इसको computer के माध्यम से भी कर सकते है।
लेखांकन क्या है ? ( Accounting )
लेखांकन वहां से शुरू होता है जहां से पुस्तपालन के कार्य खत्म हो जाते है।
लेखांकन के कुछ क्रियाये इस प्रकार है :-
- सभी वर्गीकृत किये गए लेन -देनो का profit और loss account और उनका स्थिति विवरण बनाकर सारांश तैयार करना।
- सारांश द्वारा उपयोगी सूचना इकठ्टा करना और परिणामो का विश्लेषण करना।
- सभी सुचना को पक्षकारो को बताना।
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लेखांकन का कार्य पुस्तकालन के कार्य से आगे का होता है , परन्तु हम बिना पुस्तकालन के अन्य कोई कार्य को नहीं कर सकते पुस्तकालन तैयार करने के बाद ही accounting को किया जा सकता है , और सही तरह लाभ -हानि की गणना की जा सकती है।
Difference Between Bookkeeping and Accounting in hindi
Bookkeeping and accounting difference in hindi
पुस्तपालन और लेखांकन में अंतर :-
अंतर का आधार Basic of Distinction | पुस्तपालन Book-Keeping | लेखांकन Accounting |
---|---|---|
1. क्षेत्र ( Scope ) | 1. पहचान किये गए लेन -देनो को मुद्रा के रूप में मापना। 2. सभी वित्तीय प्रकृति के लेन -देनो की पहचान करना। 3. लेन -देनो का लेखा करना। 4. खाताबही में सभी लेन -देनो को वर्गीकरण करना। | 1. सभी वर्गीकृत किये गए लेन -देनो का सारांश तैयार करना। 2. तैयार किये गए सारांश के परिणामो का विश्लेषण करना और व्याख्या करना। 3. सभी पक्ष्कारो को सभी लेन -देनो के बारे में जानकारी देना। |
2. उदेश्य ( Objective ) | पुस्तपालन का प्रमुख उदेशय वित्तीय प्रकृति के लेन -देनो का सही तरह लेखांकन करना है। | Accounting का प्रमुख उद्देस्य व्यवासय में हुए शुद्ध लाभ और हानि का आंकलन करना और वित्तीय स्थिति को ज्ञात करना है। |
3. अवस्था ( Stage ) | पुस्तपालन प्राथमिक क्रिया है। | लेखांकन द्वितीय क्रिया है। |
4. कार्य की प्रकृति ( Nature of Job ) | ये यांत्रिक प्रकृति का होता है। | लेखांकन का कार्य विशेषणात्मक प्रकृति का होता है। |
5. कौन करता है ( Who Performs ) | पुस्तपालन के कार्य को माध्यम श्रेणी के स्टाफ द्वारा किया जा सकता है। | लेखांकन के कार्य को केवल उचच श्रेणी के स्टाफ द्वारा ही किया जा सकता है। |
6. ज्ञान का स्तर ( Knowledge Level ) | सीमित ज्ञान वाले व्यक्तियों द्वारा किया जा सकता है। | ये केवल उन व्यक्तियों द्वारा किया जा सकता है , जिनको पुस्तपालन से अधिक ज्ञान हो। |
7. विशेषणात्मक योग्यता ( Analytical skill ) | इसमें विशेषणात्मक योग्यता का होना आवयश्क नहीं है। | एकाउंटिंग में विशेषणात्मक योग्यता का होना अति अवश्यक है। |
What is Accountancy in hindi
एकाउंटेंसी – लेखांकन को सही से करने के ज्ञान से है जो की कई सिद्धांत और तकनीक से समबन्धित है , जिसके द्वारा लेखांकन को किया जाता है , इसके द्वारा हमें इसका ज्ञात होता है की लेखा को कैसे करना है , उसका सारांश कैसे बनाना है , और (Bookkeeping and accounting difference in hindi ) में सभी सूचना को पक्ष्कारो तक कैसे पहुंचना है।
Difference between Accounting and Accountancy in hindi
Difference Between Bookkeeping and accountancy
अंतर का आधार Basic of Distinction | लेखांकन Accounting | लेखाकर्म Accountancy |
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1. अर्थ ( Meaning ) | सभी लेन -देनो का लेखा करना और उनको वर्गीकरण और सारांश तैयार करना है। | यह एक नियम जिसमे सिद्धांत के अनुसार लेखा किया जाता यही और सभी लेन -देनो का वर्गीकरण और सारांश तैयार करने में लेखांकन की मदद की जाती है। |
2. क्षेत्र ( Scope ) | ये पुस्तपालन की प्रक्रिया खत्म होने के बाद आरंभ होता है। | इसका क्षेत्र पुस्तपालन और लेखांकन दोनों में होता है। |
3. कार्य ( Function ) | Accounting का कार्य शुद्ध परिणामो को निकालना और वित्तीय स्थिति को ज्ञात करना है , और पक्षकारो तक सुचना को देना है। | इसमें लेखांकन और पुस्तपालन द्वारा तैयार किये गए सूचनाओं के आधार पर निर्णय लेने का कार्य किया जाता है। |
4. सम्बन्ध | ये पुस्तपालन पर निर्भर रहता है। | ये लेखांकन और पुस्तपालन दोनों पर निर्भर रहता है। |
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