लेखांकन क्या है ?
accounting kya hai – ये एक लेखा प्रणाली है , जो की व्यवसाय से सम्बंधित होता है और सभी व्यवसाययिक सम्बंधित सूचनाओं को मौद्रिक रूप में collect करके , उसका सारांश बनाने , और विश्लेषण के लिए प्रयोग किया जाता है।
लेखांकन कला और विज्ञान दोनों है – लेखांकन कला इसलिए है क्यूंकि उसके द्वारा हम व्यवसाययिक लेन – देन का लेखांकन करना और फिर उसका वर्गीकरण करते है और last में उसका सारांश बनाते है , ताकि हमे accounting kya hai में profit और loss का पता चल सके।
लेखांकन विज्ञान इसलिए है क्यूंकि ज्ञान की कोई भी संगठित शाखा को की कुछ सिद्धांत पर आधारित हो विज्ञान कहलाती है , इस कारण हम लेखांकन को विज्ञान कह सकते है।
Definitions Of Accounting In Hindi accounting kya hai
अमेरिका की सर्टिफाइड पब्लिक एकाउंटेंट्स संस्था के अनुसार –
” लेखांकन एक कला है , जिसके द्वारा वित्तीय लेन – देनो एवं परिस्थियो को मुद्रा के रूप में लिखा जा सकता है तथा उन्हें महत्वपूर्ण तरीको से वर्गीकृत करके उनके परिणामो से निष्कर्ष निकाले जाते है। ”
लेखांकन की विशेषताएं ( Characteristics of Accounting )
उपरोक्त परिभाषाओ के आधार पर लेखांकन ( accounting kya hai ) की प्रमुख विशेषताएं –
- केवल वित्तीय प्रकर्ति के लेन – देनो का लेखा करना।
- लेखांकन कला भी है और विज्ञान भी।
- मुद्रा के रूप में लेखा करना।
- वर्गीकरण करना।
- सारांश बनाना।
- परिणामो की को दिखाना
- संवहन
केवल वित्तीय प्रकर्ति के लेन – देनो का लेखा करना
व्यवसाय के अंदर उन्ही लेन – देनो को लिखते है , जिनका केवल मुद्रा के रूप में उल्लेख हो व्यवसाय के अंदर प्रतिदिन कई तरह के transactions होती है जो काफी महत्वपूर्ण होती है जिनका विवरण पैसे के रूप में नहीं होता , इस कारण ऐसे लेन -देनो का लेखा पुस्तक में नहीं किया जायेगा।
लेखांकन कला भी है और विज्ञान भी
लेखांकन (accounting kya hai ) में कला एक पूर्व निर्धारित विधि है जो की उद्देश्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है , इसके साथ – साथ लेखांकन विज्ञान भी है क्यूंकि ये एक ज्ञान की एक संगठित शाखा है और सिंद्धान्तो पर आधारित है।
मुद्रा के रूप में लेखा करना
लेखांकन पुस्तक में हर लेन -देन को केवल मुद्रा के रूप में ही लिखा जायेगा , जैसे की एक व्यवसायी ने 100 टेबल और 200 कुर्सियां खरीदी तो इनका लेखा इनका जो मूल्य होगा उसी में किया जायेगा। सभी लेन -देन का मुद्रा के रूप में लिखित होने से आसानी से जानकारी मिल जाती है और profit – loss भी शुद्ध प्राप्त होता है।
छोटे business में ज्यादा लेन -देन नहीं होता इसलिए वहां पर सभी लेन -देन का पहले रोजनामचे ( Journal ) में लिखते है , इसके विपरीत बड़े Business में लेन -देन अधिक होते है , इसलिए यहां सभी रोजनामचे को विभाजित कर दिया जाता है और सभी लेन -देन के लिए अलग – अलग पुस्तक बना दी जाती है।
Example
- माल को उधार खरीदने के लिए और लेखा करने के लिए क्रय बही ( Purchases book )
- माल को नकद खरीदने और लेखा के लिए रोकड़ बही ( Cash Book )
- माल को उधार बेकने और लेखांकन करने के लिए विक्रय बही ( sales Book )
- उधार क्रय वापसी को लिखने के लिए क्रय वापसी बही ( Purchase Return Book )
- उधार विक्रय वापसी को लिखने के लिए विक्रय वापसी बही ( Sales Return Book )
- बिल प्राप्त होने पर प्राप्य विपत्र बही ( Bills Receivable Book )
- बिल देने पर देय विपत्र बही ( Bills Payable Book )
- और रोजनामचा विशेष ( Journal Proper )
वर्गीकरण करना ( Classifying )
बही और journal में सभी लेन – देनो को लिखने के बाद उनका वर्गीकरण किया जाता है – accounting kya hai में वर्गीकरण एक प्रकर्ति है , जिसमे एक ही type के लेन -देनो को एक ही जगह और एक book में लिखा जाता है , और जिसमे ये खता खोला जाता है उसको Ledger कहते है , और खाताबही में वयवसाय से सम्बंधित सभी के लिए अलग -अलग account बनाया जाता है। ये सभी पर apply होता है चाहे वो supplier हो या फिर customer , और क्रय – विक्रय के लिए भी अलग -अलग account बनाकर लेखा किया जाता है , journal में सभी खाताबही जैसे -मजदूरी खाता , वेतन खाता , विज्ञापन खाता ,सभी को अलग -अलग वर्गीकृत किया जाता है।
सारांश बनाना ( Summarising )
accounting kya hai में सारांश बनाना एक उच्च कार्य है , जिसमे वर्गीकृत किये गए Data को सही तरह प्रदर्शित किया जाता है , ताकि ये डाटा आसानी से व्यक्तियों को और प्रबंधको को समझ सके , जिसके द्वारा वो किसी results का आंकलन कर सके , इसके खता बही को calculate किया जाता है सभी का एक Trail Balance ( तलपट ) बनाया जाता है ,Trail Balance के द्वारा अंतिम खाता बनाया जाता है , जिसमे Profit और loss account , Trading Account , और balance sheet आदि सम्मिलित होते है। व्यापारिक खाता वर्ष के दौरान में हुए कुल लाभ और सकल हानि को जानने के लिए बनाया है और लाभ – हानि खाता वर्ष के दौरान शुद्ध लाभ और शुद्ध हानि को जानने के लिए बनाया जाता है और इसका स्थिति विवरण भी तैयार किया जाता है।
परिणामो की को दिखाना
लेखांकन में हम व्यवसाय के सभी , लाभ -हानि , व्यापारिक खाता , स्थिति विवरण के परिणामो को इस तरह प्रदर्शित करते है जिससे की व्यवसाय से सबंध रखने वाले सभी पक्षकार जैसे – बैंकर्स , प्रबंधक , लेनदार , व्यवसाय का मालिक आदि व्यवसाय (accounting kya hai ) में होने वाले लाभ और व्यवसाय में सभी वित्तीय स्थिति के बारे में जानकारी ले सके।
संवहन ( Communication )
इसमें लेखांकन ( accounting kya hai) के सभी मतों , विशेषताओ , वित्तीय data को उपयोगकर्ता तक पहुँचाना सम्मिलित है , ताकि वयक्तिगत आवश्यक्ताओ के अनुसार इसका विश्लेषण कर सके।
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